"वीरानगी"
इस वीरानी दुनिया में,
कुछ खवाब हसीं
संजोना चाहता हूँ मैं ,
सुख न दे सकूँगा तो क्या,
दुःख तो बाँट लूँगा मैं ,
जीवन - पथ में
कांटे बिछे हैं,
फूल न बिछा सका तो क्या,
कांटे तो छांट लूँगा मैं ,
महक उठे आलम,
जिनकी खुशबु से ,
ऐसे फूल बोना चाहता हूँ मैं,
इस वीरानी -------------------------------------
समुन्द्र में रहकर भी ,
प्यासा है कोई ,
महफ़िलों में तन्हाई का,
बना तमाशा है कोई ,
दुःख भंवर से निकाल जहां को ,
प्रेम सागर में डुबोना चाहता हूँ मैं ,
इस वीरानी दुनिया में ,
कुछ खवाब हसीं ,संजोना चाहता हूँ मैं,
इस वीरानी -------------------------------
इस वीरानी दुनिया में,
कुछ खवाब हसीं
संजोना चाहता हूँ मैं ,
सुख न दे सकूँगा तो क्या,
दुःख तो बाँट लूँगा मैं ,
जीवन - पथ में
कांटे बिछे हैं,
फूल न बिछा सका तो क्या,
कांटे तो छांट लूँगा मैं ,
महक उठे आलम,
जिनकी खुशबु से ,
ऐसे फूल बोना चाहता हूँ मैं,
इस वीरानी -------------------------------------
समुन्द्र में रहकर भी ,
प्यासा है कोई ,
महफ़िलों में तन्हाई का,
बना तमाशा है कोई ,
दुःख भंवर से निकाल जहां को ,
प्रेम सागर में डुबोना चाहता हूँ मैं ,
इस वीरानी दुनिया में ,
कुछ खवाब हसीं ,संजोना चाहता हूँ मैं,
इस वीरानी -------------------------------
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