" आस "
जीत जाने की आस ,
करती है हर बार निराश
फिर भी इंतजार है हर पल
आएगा एक नया कल .........
जो जीना सिखा जाये
या सफलता अभी दूर है
ये अहसास करा जाये ...............
पर हम समय के दास
मन में लिए आस
तलाशते हैं कुछ पल
ज़रूर जीत जायेंगे
गर मिल जाएँ
यहाँ कुछ और कल ....................
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