मुझसे कहा खुदा ने,
"मत कर इंतजार इस जन्म में
उसका मिलना मुश्किल है"
मैंने भी कह दिया,
"लेने दे मजा इंतजार का......
अगले जन्म में तो मुमकिन है"
फिर उसने कहा,
"मत कर इतना प्यार
बहुत पछताएगा"
मुस्कुरा कर मैंने कहा,
"देखते हैं तू कितना
मेरी रूह को तड्पाएगा"
फिर उसने कहा, हटा उसे...
"चल तुझे जन्नत की हूर से
मिलवाता हूँ"
मैंने कहा, आ नीचे....
"देख मेरे प्यार का मुस्कुराता चेहरा,
तुझे जन्नत की हूर
भुलवाता हूँ "
तिलमिला कर कहा उसने,
"मत भूल अपनी औकात,
तू है तो एक इंसान"
मैंने कहा,
"तो मिला दे मुझे मेरे प्यार से,
और साबित कर कि
तू ही है भगवान........ "
तू ही है भगवान .........|
अज्ञात
संकलन :- कृष्ण कायत
सहजता से गहरी बात कहती कविता!
जवाब देंहटाएं