दिलासा

 
 
 
दिलासा
 
मत रो
मत दिल को तडफा 
ऐ राही ..... 
सफ़र तो तय
करना ही होगा
मत सोच
सफ़र है मुश्किल 
न ही घबरा तू 
कमजोर हैं 
तेरे आगे  
ये पथ की रुकावटें
जरा साहस से
तो टकरा तू
तेरे अकेले 
क़दमों में ही 
बहुत दम होगा 
जब सोच है तेरी 
कोई ख़ुशी 
तेरे पास रही ही नहीं 
तो मत सोच 
अब तेरी जिंदगी में 
कोई गम होगा 
रख बुलंद हौंसले 
कर कैद अरमान 
न मन को बहका 
सफ़र तय होगा 
मंजिल भी मिलेगी 
क्या हुआ जो 
साथ छूटा 
बिछुड़ गया हमराही
मत रो
मत दिल को तडफा
ऐ राही ...........
 
 
 
 

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