(ये तो होना ही था)












अब क्यों होता है उदास
ये तो होना ही था
भूल गया क्या
जो बोया था
बिसर कर सारी दुनिया
उस एक में जो खोया था
समझ बैठा कि सब कुछ
तेरा वो एक है
पर उसकी दुनिया में तो
तुझ जैसे अनेक हैं
पागल है जो जागे रातों को
उसे तो किसी के आगोश में
सोना ही था
कैसे बहलाऊँ, खुश रखूं तुझको
जब तेरी तक़दीर में
रोना ही था ...........
अब क्यों होता है उदास
ये तो होना ही था |

:----- कृष्ण कायत
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http://krishan-kayat.blogspot.com

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